आम लोगो कि तरह मैंने भी पढ़ी ,आम लोग जो रोज सिर्फ इसलिए अखबार पढ़ते है कि उन्हें नियमो का भान हो सके मगर मानना न मानना हम mango people के हाथ में रहता है , खैर बात कुछ दिनों पहले कि है , बेटे को स्कूल से लाते समय रास्ते में सब्जी कि दुकान दिखाई दी , याद आया सब्जी नहीं है लेती चलू , 4-5 तरह कि सब्जियों तुलवाने के बाद लेजाने कि समस्या थी , सब्जी वाले से मेरी परेशानी देखी नहीं गयी ,तुरंत 5 पोलीथिन पैक बना कर हाथ में दे दी , तभी दोआम से दिखने वाले युवक अपनी मोटर साइकिल लेकर आये ,धनिया माँगा ,सब्जी वाले ने उसी तरह तोल कर धनिया पोलीथिन में दे दिया ,युवको ने तुरंत विरोध किया
पोलिथन दूकान दार को पकडाई हाथ में ही धनिया लिया और रवाना हो गए पता चला ये poor mango people नहीं है , जाने क्या महसूस हुआ, कुछ सब्जियों को बेटे के स्कूल बैग में तो कुछ गाडी कि डिक्की में खाली किया , पोलीथिन दूकान दार को देकर वहा से रवाना हुई , गाडी चलाते समय ठंडी हवा के झोंके जैसे बधाई दे रहे थे "आज आम से कुछ खास बन जाने की. /
4 comments:
bahut hi achha prayas hai aapka samaj ke prati sajagta darshane ka. maine bhi kuch prayas kiye issi tarah ke jo main aapke saath jaroor share karoonga. any ways thanks for sharing such a nice thought. mainbhi ab polythene lene se pahle ek baar aapki baat ko jaroor yaad karoonga aur ho sakta hai main bhi polythene ka tyag karoon aur apna yogdaan karoon.
Its A Very Nice Thought. Praveena Ji Keep It Up.
Bahut Achha
ham badlenge jamanaa badlega
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