नई नवेली बींनणी, धरया सासरिया में पांव
देख पगलिया मंद मुस्काई दादी सास सयानी।।
दादी सास सयान अबै किरी बारी आई
आ सोच बहू रै माथे में सलवट भर आई।।
लै गोडां ने आडो तिरछो दादी सास बोली
सुण लै बहू आज म्हारै ज्ञान री गोळी।।
जो उतरी म्हारी बात माथै में थारै
करसी बहुरी काज घर में सारै।।
सात फेरा री रसम रा सात गुण होवे
बीनणीं रो लटको बीरो लक्खण पोवै।।
पैलो लटको,
चालै बीनणी जे फर फर करती
उतावळी में टांग बीरी आगै पड़सी।।
करसी रोळ गदोळ काम रै सागै
लारै बीरो बीन बा आगे भागै।।
दूजो लटको,
बोले बीनणी जे ओछो
करदे सम्पट पाट घर रौ कोजो
तीजो लटको,
देवे बीनणी जे थोड़ो थोड़ो
जावै बीनणी सुय काम रो फोड़ो
चौथो लटको,
चाल बीनणी रै आगे
कयै कड़वी बात
सदा गुड़ रै सागै
पांंचवो लटको,
बीनणी रो आंख्या सूं झांके
बोले सांची बात,
नजर सरम री राखै
छठो लटको,
आज सुणलै आगे
बोले जद बा गाज
घर रा बरतन बाजै
सातवों लटको,
राखूं म्है म्हारे खनै
सासू रो चालै राज
बीनणी रै मन में...
चालै सीधी चाल न टेढ़ी मेढी
बोले धीमी बात करै बैठी...
सातोड़ी है बात म्हारी सांचीं-सांची,
आई नई बीनणी काचीं कांची।
जियां हियें पासी राखी आज तक म्है थनै,
बीयां राखैला तूं भी बीनणी ने मन में।
3 comments:
pyaari seekh ki gathri! :)
http://meourmeriaavaaragee.blogspot.in/
घणी जोरदार मांडी सा...लखदाद थाने
bahut badhiya ....adhi samjh paayee
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