होली के रंग उतारने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अब रंग तो उतर गया लेकिन चेहरे पर हल्की जलन व खिंचाव अभी भी है। नाते रिश्तेदारों को दोष न दूंगी, मैं इतनी सभ्य नहीं कि होली पर तिलक लगाकर फोटो खिंचवाऊं और खुद को जागरुक नागरिक घोषित करूं। क्योंकि असभ्य नागरिक होने का खामियाजा तो चेहरे का रंग उतारने पर भुगत ही रही हूं। सोचती हूं मैंने असभ्य होने के लिए कितना पानी बहाया होगा?
कोई तीस लीटर जितना। जो कि तीन व्यक्तियों के लिए तीस दिन की प्यास बुझाने के लिए काफी हो। पृथ्वी पर उपलब्ध सम्पूर्ण जल का मात्र तीन प्रतिशत ही जल पीने योग्य है। शेष जल कठोर और लवणीय है।
चलिए कोई बात नहीं 'सार सार को गही रहे थोथा देय उड़ाए'
अब बात क्या है बताती हूं। भई हम महिलाओं को सोना (गोल्ड) क्यों पसन्द है? क्योंकि पृथ्वी पर उसकी मात्रा अन्य धातुओं से कम है। तभी तो इतनी बहुमूल्य हो जाने के बाद हमारे गले, हाथ, कान, नाक सभी को सुशोभित करता है। पुरुष हम महिलाओं को खुश करने के लिए हमने गाढ़े पसीने का पानी बहाकर ही सोने तक पहुंच पाते हैं। यहां तो पानी का उपयोग हो रहा है। मगर मैं सम्पूर्ण उपयोग की बात कर रही हूं। जब हम इस तीन प्रतिशत पानी को व्यर्थ बहाएंगे तो उसकी उपलब्धता भी कम हो जाएगी, ऐसे में मैंने तो कई कल्पनाएं कर ली हैं, जिसका लोहा पुरुष तो क्या महिलाएं भी मानेंगी।
इस तरह पानी व्यर्थ बहाने के बाद आज से ठीक पांच साल बाद पानी को लेकर क्या घटनाएं होंगी।
1 - स्विस बैंक और अन्य टैक्स हैवन्स में गहनों और पैसों के साथ काला पानी भी जमा होगा।
2 - सामान्य लोगों के लिए वाटर बैंक ऑफ इंडिया या वाटर नेशनल बैंक खुली होंगी। जहां आपका बचत किया हुआ पानी जमा होगा। उसका एक एटीएम आपके हाथ में रहेगा।
3 - आपके जमा पानी के खातों के आधार पर ही आपकी गर्लफ्रेंड या पत्नी का निर्धारण होगा।
4 - युवा अपनी गर्लफ्रेंड को महंगे गिफ्ट देने के लिए गुलाब के बजाय एक लीटर पानी की बोतल का सरप्राइज देना पसन्द करेंगे और वाटर रेस्टोरेंट लेकर जाएंगे।
5 - हम पत्नियां जन्मदिन, करवाचौथ आदि त्योंहारों पर पानी की पंद्रह लीटर की बाल्टी के बिना खुश न होंगी, और मिलने पर इतरा कर फिर से व्यर्थ बहा सकेंगी।
6 - पुरुष किसी भी सूरत में पानी को छूने की भी कल्पना ना करें। उन्हें महीने में एक बार दाढ़ी बनाने के लिए व्यर्थ बहाए गए पानी को लेकर ताने सुनने पड़ सकते हैं।
7 - पुत्र या पुत्री के जन्मदिन पर वाटर पार्टी का आयोजन किया जाएगा। ऑफिसर ग्रेड के लोग तो शैम्पेन की बोतल की जगह सबके सामने पानी की बोतल खोलेंगे, और रिटर्न गिफ्ट में सभी को एक-एक बोतल पानी भी देंगे।
8 - इसमें कोई संशय नहीं कि अन्य घोटालों के उजागर होने की तर्ज पर पानी का घोटाला भी सामने आए। और पता चले कि आम जनता के अथक प्रयासों से बचाए-कमाए पानी से नेता रोज नहाते रहे हैं।
इतने फायदे पानी को व्यर्थ बहाने के हैं तो क्यों घाटा खाऊं ?
सोचती हूं कि खूब पानी बहाऊं और एक पानी का बैंक अभी से बनाऊं, क्या आप मेरी बैंक में अपना पानी बचत खाता खोलना चाहेंगे, या अपने घर पर ही इसे आजमाएंगे।
सोचकर जवाब दीजिएगा...
कोई तीस लीटर जितना। जो कि तीन व्यक्तियों के लिए तीस दिन की प्यास बुझाने के लिए काफी हो। पृथ्वी पर उपलब्ध सम्पूर्ण जल का मात्र तीन प्रतिशत ही जल पीने योग्य है। शेष जल कठोर और लवणीय है।
चलिए कोई बात नहीं 'सार सार को गही रहे थोथा देय उड़ाए'
अब बात क्या है बताती हूं। भई हम महिलाओं को सोना (गोल्ड) क्यों पसन्द है? क्योंकि पृथ्वी पर उसकी मात्रा अन्य धातुओं से कम है। तभी तो इतनी बहुमूल्य हो जाने के बाद हमारे गले, हाथ, कान, नाक सभी को सुशोभित करता है। पुरुष हम महिलाओं को खुश करने के लिए हमने गाढ़े पसीने का पानी बहाकर ही सोने तक पहुंच पाते हैं। यहां तो पानी का उपयोग हो रहा है। मगर मैं सम्पूर्ण उपयोग की बात कर रही हूं। जब हम इस तीन प्रतिशत पानी को व्यर्थ बहाएंगे तो उसकी उपलब्धता भी कम हो जाएगी, ऐसे में मैंने तो कई कल्पनाएं कर ली हैं, जिसका लोहा पुरुष तो क्या महिलाएं भी मानेंगी।
इस तरह पानी व्यर्थ बहाने के बाद आज से ठीक पांच साल बाद पानी को लेकर क्या घटनाएं होंगी।
1 - स्विस बैंक और अन्य टैक्स हैवन्स में गहनों और पैसों के साथ काला पानी भी जमा होगा।
2 - सामान्य लोगों के लिए वाटर बैंक ऑफ इंडिया या वाटर नेशनल बैंक खुली होंगी। जहां आपका बचत किया हुआ पानी जमा होगा। उसका एक एटीएम आपके हाथ में रहेगा।
3 - आपके जमा पानी के खातों के आधार पर ही आपकी गर्लफ्रेंड या पत्नी का निर्धारण होगा।
4 - युवा अपनी गर्लफ्रेंड को महंगे गिफ्ट देने के लिए गुलाब के बजाय एक लीटर पानी की बोतल का सरप्राइज देना पसन्द करेंगे और वाटर रेस्टोरेंट लेकर जाएंगे।
5 - हम पत्नियां जन्मदिन, करवाचौथ आदि त्योंहारों पर पानी की पंद्रह लीटर की बाल्टी के बिना खुश न होंगी, और मिलने पर इतरा कर फिर से व्यर्थ बहा सकेंगी।
6 - पुरुष किसी भी सूरत में पानी को छूने की भी कल्पना ना करें। उन्हें महीने में एक बार दाढ़ी बनाने के लिए व्यर्थ बहाए गए पानी को लेकर ताने सुनने पड़ सकते हैं।
7 - पुत्र या पुत्री के जन्मदिन पर वाटर पार्टी का आयोजन किया जाएगा। ऑफिसर ग्रेड के लोग तो शैम्पेन की बोतल की जगह सबके सामने पानी की बोतल खोलेंगे, और रिटर्न गिफ्ट में सभी को एक-एक बोतल पानी भी देंगे।
8 - इसमें कोई संशय नहीं कि अन्य घोटालों के उजागर होने की तर्ज पर पानी का घोटाला भी सामने आए। और पता चले कि आम जनता के अथक प्रयासों से बचाए-कमाए पानी से नेता रोज नहाते रहे हैं।
इतने फायदे पानी को व्यर्थ बहाने के हैं तो क्यों घाटा खाऊं ?
सोचती हूं कि खूब पानी बहाऊं और एक पानी का बैंक अभी से बनाऊं, क्या आप मेरी बैंक में अपना पानी बचत खाता खोलना चाहेंगे, या अपने घर पर ही इसे आजमाएंगे।
सोचकर जवाब दीजिएगा...
14 comments:
मजेदार और कटु सत्य ...मैंने भी अभी अभी ...पानी पर ही कुछ लिखा है ...
kya baat hai aap bhi lice likhti ho bhabhi g maine to first time padha hai aapka lekh or kuchh jayada kahuga to bura mat manana ki sidharth bhi nahi likh paayega aisa to.....? keep it up very nice bahut khub
wah ri meri lekhika.......bahut khoob .....kaap it up...
रोचक व अच्छी पोस्ट की बधाई, ब्लॉग के उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत अच्छा लिखा है और बातों बातों में व्यंग्य भी अच्छा किया है ,सच्चाई भी यही है....
इस राज्य का भाग्य है या दुर्भग्य, रोजाना लीकेज, वाटर प्रेशर, सप्लाई से जूझाने वाले जलदाय विभाग के एक इंजीनियर को पानी चालीसा लिखना पड़ा। उस उस इंजीनियर की सोच को सलाम, कि उसने भविष्य को पहले ही देख लिया
क्या पानी स्विस बैंक में जमा हो सकेगा?
मजेदार व्यंग्य और कटु सत्य| धन्यवाद|
मजेदार !! लेकिन एक प्रश्न ???क्या पानी जमा करने के लिए हम स्विस बेंक के सदस्य बन पायेंगे .......???
वाह वाह बस आनन्द आ गया। बहुत खूब
वाह वाह बस आनन्द आ गया। बहुत खूब
लिखा तो अछा है पर काम करना मुश्किल होता खेर सोच अछि है आप की
लिखा तो अछा है पर काम करना मुश्किल होता खेर सोच अछि है आप की
हँसते हँसते पिन चुभाने जैसी अभिव्यक्ति!
सटीक!
वाह। बहुत खूब।
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